Pages

Sunday, 2 September 2012

आ मेरे पास आ...

आ मेरे पास आ, मेरी बाँहें सजा
ये जवां धडकनें, कुछ मुझे भी सुना

हाथ पर हाथ रख, और चुरा ले मुझे
मुझपे छा इस कदर, मैं न भूलूँ तुझे

हया से पलकें झुकाए, यूँ मुझमे समा
अधीर अधरों से बस, मैं तेरा नाम लूं

टूट के जब हम बिखरें कुसुम की तरह
तू मुझे थाम ले, मैं तुझे थाम लूं ...

No comments:

Post a Comment