तु न जाने कौन है तु,
फुलो के गुलिस्ता का सरताज है तु,
होंगे गुलशन मे गुल ह्जार
इन गुलो का गुलाब है तु,
तु न जाने कौन है तु,
संगीत जैसी आवा्ज का सुर-ताल है तु,
होती है जब अमावस कि रात तो,
उगते हुये सुरज का एह्सास है तु
तु न जाने कौन है तु,
उदासी भरे चेहरे की मुस्कान है तु
होते है जब गम के बाद्ल आसमान मे तो
इन बाद्लो के बीच से निकलता हुआ चांद है तु
तु न जाने कौन है तु,
ओस कि बून्दो जैसी ताजगी का एह्सास है तु,
आती है जब मेरे होठो पे उदासी कि आहट तो
हसता हु फिर भी मै,उस हसी का राज है तु
तु न जाने कौन है तु,
धड्कते हुये दिलो कि बेचैनी का नाम है तु,
तन्हाई मे बन्द होती है जब पलके मेरी
बह्ते हुये अश्को का सैलाब है तु
तु न जाने कौन है तु,
महकती हुई गर्म सांसो का गुमान है तु,
तड्पता रहा उमर भर पाने की चाह्त मे जिसको
उन रेशमी ख्वाबो का गुनह्गार है तु,
तु न जाने कौन है तु,
दिलो को जो सकून दे,वो आ्वाज है तु,
यु तो सुना है संगीत बहुत मैने,
सरगम से खनकती ,कोयल कि आ्वाज है तु,
तु न जाने कौन है तु,
चान्द्नी रातो के जज्बात है तु
है ढेरो रंग इस जहान मे मगर,
हाथो मे लगी मेहंदी का रंग है तु,
तु न जाने कौन है तु,
ख्वाबो मे जो आये,वो ताजमह्ल है तु,
लिखे तो रेत पे लाखो हसीन नाम मैने,
मेरा दिल जो धड्काये वही नाम है तु
तु न जाने कौन है तु,
भोर की पह्ली किरण का नाम है तु,
बजती है मन्दिर मे जब सुबह कि घन्टी तो
उस मधुर आवाज का एह्सास है तु!!!
तु न जाने कौन है तु,
मै न जानु कौन है तु,
मै तुझमे,तु मुझमे समाये कुछ इस तरह
कि मे जिस्म तु जान,मगर इतन भी न जाने तु,!!!!
फुलो के गुलिस्ता का सरताज है तु,
होंगे गुलशन मे गुल ह्जार
इन गुलो का गुलाब है तु,
तु न जाने कौन है तु,
संगीत जैसी आवा्ज का सुर-ताल है तु,
होती है जब अमावस कि रात तो,
उगते हुये सुरज का एह्सास है तु
तु न जाने कौन है तु,
उदासी भरे चेहरे की मुस्कान है तु
होते है जब गम के बाद्ल आसमान मे तो
इन बाद्लो के बीच से निकलता हुआ चांद है तु
तु न जाने कौन है तु,
ओस कि बून्दो जैसी ताजगी का एह्सास है तु,
आती है जब मेरे होठो पे उदासी कि आहट तो
हसता हु फिर भी मै,उस हसी का राज है तु
तु न जाने कौन है तु,
धड्कते हुये दिलो कि बेचैनी का नाम है तु,
तन्हाई मे बन्द होती है जब पलके मेरी
बह्ते हुये अश्को का सैलाब है तु
तु न जाने कौन है तु,
महकती हुई गर्म सांसो का गुमान है तु,
तड्पता रहा उमर भर पाने की चाह्त मे जिसको
उन रेशमी ख्वाबो का गुनह्गार है तु,
तु न जाने कौन है तु,
दिलो को जो सकून दे,वो आ्वाज है तु,
यु तो सुना है संगीत बहुत मैने,
सरगम से खनकती ,कोयल कि आ्वाज है तु,
तु न जाने कौन है तु,
चान्द्नी रातो के जज्बात है तु
है ढेरो रंग इस जहान मे मगर,
हाथो मे लगी मेहंदी का रंग है तु,
तु न जाने कौन है तु,
ख्वाबो मे जो आये,वो ताजमह्ल है तु,
लिखे तो रेत पे लाखो हसीन नाम मैने,
मेरा दिल जो धड्काये वही नाम है तु
तु न जाने कौन है तु,
भोर की पह्ली किरण का नाम है तु,
बजती है मन्दिर मे जब सुबह कि घन्टी तो
उस मधुर आवाज का एह्सास है तु!!!
तु न जाने कौन है तु,
मै न जानु कौन है तु,
मै तुझमे,तु मुझमे समाये कुछ इस तरह
कि मे जिस्म तु जान,मगर इतन भी न जाने तु,!!!!
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