सोचते और जागते गुज़र गयी है जिन्दगी अपनी
एक सवाल सी मिली है अक्सर जिन्दगी अपनी
ये बात नही की मै कुछ नही केह सका उन से
मुहोब्बत बन चुकी थी अब यारो बेबसी अपनी
मै ज़ख्म खाता रहा और वो तिर चलाते रहे
ना मै हटा ना उन्हो ने छोडी दिल्लगी अपनी
सुना है कारगर हुई है उनपर किसी कि बेबाकी
काम ना आ सकी उन पर ये सादगी अपनी
वफाऐ मेरी मुझे जन्नत तक कल ले गई थी
घबरा गयी थी वहा ये दिल की सादगी अपनी
आओ अगर अबके तो मेरा दिल भी जरा लेआना
देखे तो जरा कितनी बढी है इन दिनॉ आशिकी अपनी
गिला तुझ से तेरी वफाओ का हम क्या करते
अब तो चान्द ने भी समेट ली है चान्दनी अपनी
एक सवाल सी मिली है अक्सर जिन्दगी अपनी
ये बात नही की मै कुछ नही केह सका उन से
मुहोब्बत बन चुकी थी अब यारो बेबसी अपनी
मै ज़ख्म खाता रहा और वो तिर चलाते रहे
ना मै हटा ना उन्हो ने छोडी दिल्लगी अपनी
सुना है कारगर हुई है उनपर किसी कि बेबाकी
काम ना आ सकी उन पर ये सादगी अपनी
वफाऐ मेरी मुझे जन्नत तक कल ले गई थी
घबरा गयी थी वहा ये दिल की सादगी अपनी
आओ अगर अबके तो मेरा दिल भी जरा लेआना
देखे तो जरा कितनी बढी है इन दिनॉ आशिकी अपनी
गिला तुझ से तेरी वफाओ का हम क्या करते
अब तो चान्द ने भी समेट ली है चान्दनी अपनी
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