Upcoming Hollywood & Bollywood Watch Online Movies

Friday 24 August 2012

सच पूछो तो यारोँ

सच पूछो तो यारोँ प्यार में,
बस आँसू ही श्रृंगार होता है।

बिछुङ कर साथी प्यार के हिलोरोँ से,
फिर गिला करे बाग के उन भौँरोँ से,
तङपते जाये पुनर्मिलन को,
क्या यही सच्चा प्यार होता है?
सच पूछो तो यारोँ

मजबूर हो कोई प्यार छुपाने को,
या समर्थ ना हो उसे जताने को,
ऐसे में क्या कोई,
उस प्यार का हकदार होता है ?
सच पूछो तो यारोँ

साथी को अहसाश ना हो पाये,
या प्यार जताने में वो हिचकिचाये,
तब बन्धन की उस कङी का नतीजा,
केवल उसकी हार होता है?
सच पूछो तो यारोँ

काँटे हो वृंदावन के महकते फूलों मेँ,
हो रुदन राधिका का, कृष्ण के उन झूलोँ मेँ,
तब आँसू बहाती उन गोपियोँ का,
बस मोहन ही संसार होता है।
सच पूछो तो यारोँ

जहाँ हर रोज नभ में बादल मंडराते हैं,
देख-देख उन्हें वो नन्हें कोँपल जल जाते हैँ,
जहाँ झूठ-कपट और अपराधोँ से,
सना हुआ हर दिलदार होता है।
सच पूछो तो यारोँ

जहाँ होता है हर रोज खेल घिनोना,
बन चुका प्यार जहाँ जिस्म का खिलोना,
ऐसे में जता ना पाते दुनियाँ के सम जब,
तभी तो प्यार के नाम पर अत्याचार होता है।
सच पूछो तो यारोँ

No comments:

Post a Comment